Incessant Quest
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dat lonely sinking feeling!
sone nahi dete!
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सकूं ए रूहानी ए यार!
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sagaciouslyours
~ ~ ~ the seeker is sought ~ ~
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Wednesday, December 17, 2008
dat lonely sinking feeling!
woh mujhe kyun chjod gayi,
kya itna bura hoon mai?
ukhaad phek jadon se kyun gayi,
kya itna nagawar hoon mai?
aandhiyon mau udaati kyun gayi,
kya itna khasta-e-haal hoon mai?
abaad karti aayi,
akele barbaad hun mai!
$
sone nahi dete!
~~~
kabhi khel, kabhi khayaal,
sone nahin dete,
kabhi hal, kabhi sawaal,
sone nahin dete,
tanha to hai hum tumhare jaane k baad,
par yeh zindagi k bawaal sone nahin dete.
~~~
§
... रिसती ज़िंदगी!
~ ~ ~
रिसती रही ज़िंदगी आँखों से,
अब खोखला हो गया हूँ में,
कभी जोश-ए-वलवले थे,
अब पस्त-ए-हौसला हो गया हूँ में,
लगता था ज़मीं मिल गयी,
बस ही जाऊँगा,
तिनकों बिखरा घोंसला हो गया हूँ में,
क्या क्या होना चाहता था,
क्या क्या हो सकता था,
'या रब' अब क्या हो गया हूँ में,
खोखला हो गया हूँ में!
~ ~ ~
§
Monday, January 14, 2008
सकूं ए रूहानी ए यार!
~~~
अहमकों
के
सवालों
का
जवाब
क्या
दूं
,
महकों
के
रंगों
का
िज़क्र क्या
करूं
,
यारी
की
खुमारी
का
क्या
बयान
दूं
,
क्या
कर
के
बताऊं
,
तेरे
संग
का
रूहानी
सकूं
!
~~~
§
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